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Sunday 2 October 2022

Sharad Navratri Parana 4/10/2022 Images

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इस साल शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से 5 अक्तूबर तक दुर्गा विसर्जन और विजय दशमी तक रहेगी।


Navratri 2022: 26 सितंबर 2022 से शक्ति आराधना का पर्व शारदीय नवरात्रि प्रारंभ होने जा रहा है। शारदीय नवरात्रि पर देवी दुर्गा की पूजा और साधना की जाती है। इसके अलावा देवी के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा होती है। हिंदू धर्म में देवी दुर्गा जो माता पार्वती का ही स्वरूप हैं उन्हें महाशक्ति के रूप में पूजा जाता है। 


हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व मां शक्ति की पूजा-उपासना के लिए विशेष माना गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार सालभर में कुल चार नवरात्रि आते हैं- दो गुप्त नवरात्रि, एक चैत्र नवरात्रि और एक शारदीय नवरात्रि। सभी नवरात्रि में शारदीय और चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि के दिनों में देवी दुर्गा हिमालय से पृथ्वी लोक में आती हैं और अपने भक्तों के घरों में 9 दिनों के लिए विराजमान होती हैं। नवरात्रि के 9 दिनों में देवी दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-आराधना होती है। मां दुर्गा के भक्त इन नौ दिनों में उपवास रखते हुए मां शक्ति की साधना करते हैं। नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान मां दुर्गा अपने भक्तों पर विशेष कृपा रखती हैं। अब जल्द ही शारदीय नवरात्रि शुरू होने वाले हैं। ऐसे में आइए जानते हैं इसकी पूरी डिटेल...

 

कब से शुरू होंगे शारदीय नवरात्रि


सभी नवरात्रों में चैत्र और शरद नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार शारदीय नवरात्रि आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक मनाई जाती है। शारदीय नवरात्रि को शरद नवरात्रि भी कहते हैं क्योंकि इसी समय से शरद ऋतु का आगमन भी शुरू हो जाता है। इस साल शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से 5 अक्तूबर तक दुर्गा विसर्जन और विजय दशमी तक रहेगी।


आइए जानते हैं कि 2022 में शरद नवरात्रि पारणा कब है व शरद नवरात्रि पारणा 2022 की तारीख व मुहूर्त।


शरद नवरात्रि का पारणा अश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को किया जाता है। पारणा के साथ 9 दिनों तक चलने वाली शरद नवरात्रि का समापन हो जाता है। पारणा मुहूर्त को लेकर शास्त्रों में कुछ मतभेद हैं कि पारणा नवमी को होगा या दशमी को। मिमांसा (जिन्होंने शास्त्रों की व्याख्या की है) के अनुसार पारणा दशमी को करना चाहिए, क्योंकि कई शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि नवमी को उपवास रखा जाता है।


यदि नवमी तिथि दो दिन पड़ रही हो, तब उस स्थिति में पहले दिन उपवास रखा जाएगा और दूसरे दिन पारणा होगा, ऐसा शास्त्रों में वर्णित है। नवमी नवरात्रि पूजा का अंतिम दिन है, इसलिए इस दिन देवी दुर्गा की षोडषोपचार पूजा करके मूर्ति विसर्जन करना चाहिए।


पूजा और विसर्जन के बाद ब्राह्मणों को फल, उपहार, वस्त्र, दान-दक्षिणा आदि (अपनी इच्छानुसार) देनी चाहिए। साथ ही उपरोक्त चीज़ें 9 बालिकाओं को भी कन्या पूजन करके देनी चाहिए।


Sharad Navratri Parana


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