नजरे मिल जाती है, मगर नजरिया नहीं,प्यार हो जाता है, मगर उसका एहसास नहीं,एसा क्यों होता है जिन्दगी में की-दोस्त हज़ार मिल जाते है, मगर एक सच्चा जीवनसाथी नहीं…
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