देख मेरी आँखों में ख्वाब किसके हैं;दिल में मेरे सुलगते तूफ़ान किसके हैं;नहीं गुज़रा कोई आज तक इस रास्ते से हो कर;फिर ये क़दमों के निशान किसके हैं।
No comments:
Post a Comment