तनहाई में फरियाद तो कर सकता हूँ,वीराने को आबाद कर सकता हूँ,जब चाहूँ तुम्हे मिल नहीं सकता,लेकिन जब चाहूँ तुम्हे याद कर सकता हूँ |
No comments:
Post a Comment