
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे वेबसाइट पे, महाभारत में एक ऐसा महापराक्रमी योद्धा भी था जिसने भीम को 3 बार हरा देने के बाद भी उन्हें जीवनदान दे दिया था | जी हाँ हम बात कर रहे हैं महान धनुर्धारी कर्ण की | कर्ण जैसा पराक्रमी और कुशल योद्धा पूरे महाभारत युद्ध में और कोई भी नहीं था |
सूर्यपुत्र कर्ण पांडवों के सबसे बड़े भाई थे और उनकी माता कुंती को सूर्य के आशीर्वाद से पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी | युद्ध से पहले कर्ण की भेंट माता कुंती से हुई थी। कर्ण ने माता कुंती को वचन दिया था कि वे कुंती के चारो पुत्रों को हमेशा जीवनदान देंगे |
सूर्यपुत्र कर्ण पांडवों के सबसे बड़े भाई थे और उनकी माता कुंती को सूर्य के आशीर्वाद से पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी | युद्ध से पहले कर्ण की भेंट माता कुंती से हुई थी। कर्ण ने माता कुंती को वचन दिया था कि वे कुंती के चारो पुत्रों को हमेशा जीवनदान देंगे |
युद्धभूमि में उन्होंने भीम को 3 बार हराया लेकिन फिर भी कर्ण ने भीम को किसी भी प्रकार की हानि नहीं पहुंचाई। अपनी पराजय से दुखी होकर भीम अर्जुन के पास पहुंचे और कर्ण को शीघ्र पराजित करने का आदेश दिया | महाभारत में अर्जुन और कर्ण के बीच भयंकर युद्ध हुआ | श्रापों के कारण सूर्यपुत्र कर्ण की युद्ध भूमि में मृत्यु हो गयी थी |
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